Latest news
जब तक खुदी सड़कें दुरूस्त नहीं करते, तब तक किसी कार्यदायी संस्था को नए खुदान की अनुमति नहींः डीएम मुख्यमंत्री ने किया पंचम राज्य ओलम्पिक खेलों का शुभारंभ 264 करोड़ रुपए से तैयार होगा चंपावत महिला स्पोर्ट्स कॉलेजः रेखा आर्या केदारनाथ-रामबाड़ा-रैकाधार-चौमासी पैदल मार्ग के लिए ₹40 लाख की स्वीकृत स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के बेहतर क्रियान्वयन को युद्ध स्तर पर कार्य करें अधिकारीः स्वाति एस. भद... भगवान के भोग (प्रसाद) को पवित्रता के साथ बनाया जाएः महाराज डिजिटल तकनीक से 50 लाख से अधिक दर्शकों तक पहुंचेगी गढ़वाल की ऐतिहासिक रामलीला विधायक बृजभूषण गैरोला के प्रयासों से ग्रामीणों की 30 साल पुरानी सड़क की मांग पूरी, मिढ़ावाला में जल्द ... पुलिस के पास शांति व कानून व्यवस्था को बनाए रखना बड़ी चुनौतीः धामी खिलाडियों का उत्साहवर्धन करने रुद्रपुर पहुंचे सीएम
Sunday, September 22, 2024
Homeउत्तराखण्डस्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने शोध को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में परिवर्तित करने के...

स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने शोध को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में परिवर्तित करने के महत्व पर जोर दिया

देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन लिविंग विद नेचर सॉइल, वाटर, और सोसाइटी इन इकोसिस्टम कंजर्वेशन हिमालयन कल्चरल सेंटर, देहरादून में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। यह आयोजन भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संघ द्वारा आईसीएआर-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान के सहयोग से किया जा रहा है। यह सम्मेलन 22 जून तक चलेगा।
ऋतु खण्डूडी भूषण ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। अपने मुख्य अतिथि के संबोधन में, उन्होंने शोध को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में परिवर्तित करने के महत्व पर जोर दिया, जो किसानों और हितधारकों को लाभान्वित करते हैं, बजाय इसके कि वे केवल शैक्षणिक प्रकाशनों और पुरस्कारों तक सीमित रहें। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों और किसानों की सक्रिय प्रकृति को उजागर किया और संसाधनों के संरक्षण और आजीविका को बढ़ाने के लिए स्पष्ट, वैज्ञानिक रूप से समर्थित मार्गदर्शन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पारंपरिक ज्ञान, संस्कृति और बुजुर्गों की बुद्धिमत्ता को आधुनिक संरक्षण प्रथाओं में एकीकृत करने के महत्व पर भी जोर दिया ताकि प्रकृति के साथ सतत जीवन को बढ़ावा दिया जा सकें। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सम्मेलन में संदेश उपस्थित लोगों को सुनाया गया जिसमे उन्होंने कार्यक्रम की सफलता की कामना की। इस सम्मेलन में आईसीएआर संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय एजेंसियों जैसे छठ। और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों जैसे एनबीए से लगभग 350 वैज्ञानिक और विद्वान, साथ ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से 150 प्रगतिशील किसान भाग ले रहे हैं। वे वैज्ञानिकों के साथ बातचीत कर रहे हैं और नई ज्ञान और तकनीकों को प्राप्त करने के लिए प्रदर्शनी स्टालों का अन्वेषण कर रहे हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments