Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डपांच घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा युवक का शव, घरवालों ने...

पांच घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा युवक का शव, घरवालों ने लेने से किया मना

देहरादून: हरिद्वार के जिला चिकित्सालय में एक नया मामला सामने आया हैं चिकित्सकों ने अपने यहां मृत घोषित युवक का शव लेने से ही इंकार कर दिया। एंबुलेंस चालक का कहना है कि वह सुबह पांच बजे अमरोहा से मृतक के शरीर को लेकर जिला अस्पताल आ गया था, लेकिन 5 घंटे बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने बॉडी को अपने सुपुर्द नहीं लिया हैं।

एंबुलेंस चालक फरमान उर्फ गुलाम नवी का कहना है की शुक्रवार शाम 6:00 बजे उसे शव ले जाने के लिए अस्पताल से फोन आया था जिसके बाद वह शव को लेकर अमरोहा निकल गया था शव के साथ एक महिला भी थी जिसने शव ले जाने के लिए फोन किया था। रात को जब शव लेकर अमरोहा पहुंचे तो घरवालों ने शव लेने से ही मना कर दिया जबकि महिला को अपने पास रख लिया|

उसने आगे कहा कि अमरोहा मैं मैंने ही पुलिस को फोन करके बुलाया लेकिन पुलिस ने भी मुझे बॉडी लेकर वापस जाने को कह दिया| मैं सबको लेकर आज सुबह 5:00 बजे जिला चिकित्सालय पहुंच गया लेकिन सुबह से मैं लगातार परेशान हो रहा हूं और दोपहर 11:00 बजे तक भी अस्पताल ने बॉडी मोर्चरी में नहीं रखा।

एंबुलेंस चालक ने कहा कि अपनी परेशानी लेकर बराबर में स्थित कोतवाली में भी पांच-पांच बार जा चुका हूं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है| अस्पताल के डॉक्टर भी यही कह रहे हैं कि हम सबको नहीं लेंगे तुम पुलिस के पास जाओ और पुलिस यह कह कर टाल रही है कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है| शुक्रवार शाम 6:00 बजे से यह टाइम आ गया है और बॉडी मेरी गाड़ी में ही पड़ी हुई है।

वहीं, जिला चिकित्सालय हरिद्वार के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. चंदन मिश्रा का कहना है कि खुर्शीदा नामक मां अपने मृत बेटे का शव लेकर शाम सात बजे यहां से चली गई थी। जब किसी मृतक के साथ परिजन होते हैं तो शव उन को सौंप दिया जाता है। अब उनके घर वाले शव ले रहे हैं या नहीं ले रहे हैं। यह उनकी जिम्मेदारी है। ऐसे में बॉडी को वापस लेना भी हमारे लिए संभव नहीं है। अंतिम संस्कार उसके घर वालों को ही करना होगा अगर इसमें कोई विवाद है तो पुलिस का सहयोग लेकर निपटाया जाए। पुलिस यदि हमें कहती है तो ही हम शव को मोर्चरी में रख सकते हैं। एक बार जब शव परिजनों को सौंप दिया जाता है तो उसमें अस्पताल की भूमिका समाप्त हो जाती है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments