देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के तीसरे दिन राज्य की धामी सरकार ने सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01175.33 करोड़ का बजट पेश किया। सदन में बजट वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पेश किया। बजट में कोई भी राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। बजट में 59954.65 करोड़ राजस्व व्यय है। इसमें 41220.68 करोड़ पूंजीगत व्यय के लिए रखे गए हैं। 12604492 का रजकोषीय घाट होने का अनुमान है जो जीडीपी का 2.94 प्रतिशत है। यह एफआरबीएम एक्ट की सीमा के भीतर है। इस दौरान वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराया। कहा कि राज्य सरलीकरण, समाधान व निस्तारीकरण के मार्ग पर अग्रसरित हैं। बजट हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा और नीतियों का प्रमाण है। उत्तराखंड अनेक कार्यों का साक्षी रहा है। हम आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए हम प्रयत्नशील हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का बजट सात बिंदुओं पर केंद्रित है। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि इस साल राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष के रूप में आगे बढ़ रहा है। बजट पेश करने से पहले 38वें राष्टीय खेलों की उपलब्धियों को बताया गया। बजट में फ्री गैस सिलेंडर के लिए 54 करोड़ रुपए के बजट, खाद्यान योजना के लिए 20 करोड़ रुपए, पीएम आवास योजना ग्रामीण के लिए 390 करोड़ रुपए, राज्य आंदोलनकारियों के कल्याण और कॉर्पस फंड के लिए 44 करोड़ रुपए, विभिन्न विभागों की योजनाओं में सब्सिडी के लिए 679 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। बजट में मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत 500 करोड़, जमरानी बांध के लिए 625 करोड़, सौंग बांध के लिए 75 करोड़, लखवाड़ के लिए 285 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 1500 करोड़, जल जीवन मिशन के लिए 1843 करोड़ और नगर पेयजल के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
यह बजट 2,585.89 करोड़ का सरप्लस है। कोई राजस्व घाटा नहीं है। बजट में कहा गया है कि उत्तराखंड में 220 किमी नई सड़कें बनेंगी।
प्रदेश में 37 पुल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेशभर में 220 किमी नई सड़कें बनेंगी। 1000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण होगा। 1550 किमी मार्ग नवीनीकरण होगा। 1200 किमी सड़क में सुरक्षा कार्य होंगे। उत्तराखंड में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का आय व्ययक प्रस्तुत किया गया। अवस्थापना निर्माण के अंतर्गत पूंजीगत परिव्यय में 14763.13 रुपये करोड़ का प्रवधान किया गया। ये अब तक सर्वाधिक है। ग्रामीण रोजगार के लिए मत्स्य विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना-146 रुपये करोड़। यूआईआईडीबी को हरिद्वार ऋषिकेश विकास के लिए परामर्शी सेवा हेतु-168.33 करोड़ रुपये उत्तराखंड में स्टार्टअप वेंचर फंड के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान, प्रवासी उत्तराखंड परिषद के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान
रिवर फ्रंट डेव्लपमेंट परियोजना (शारदा कॉरिडॉर) के 10 करोड रुपये़, स्मार्ट सिटि के अंतर्गत इलैक्ट्रिक बसो के संचालन के लिए 6.5 करोड़ रुपये
होमेगार्ड कल्याण कोष रिवॉलविंग फंड के लिए 1 करोड़ रुपये, रेशम फैडरेशन को रिवॉलविंग फंड के लिए 5 करोड़ रुपये, समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए धामी सरकार ने 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजुविनेशन के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रावधान
पेयजल तथा सिंचाई विभाग की योजनाओं के बिजली के भुगतान के लिए 490 करोड़ रुपये, पुलिस विभाग में मादक पदार्थ से सम्बन्धित मुखबिरों के उत्साहवर्द्धन के लिए 10 लाख रुपये, भारतीय न्याय संहिता के लिए 20 करोड़ रुपये और जलवायु परिवर्तन शमन के लिए 60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य की धामी सरकार ने सदन में पेश किया एक लाख करोड़ से ज्यादा का बजट
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