देहरादून। देहरादून में गो ध्वज की स्थापना कर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने धर्म सभा देहरादून में विशाल जनसमुदाय को संबोधित किया। सनातन धर्म में वेद, उपनिषद्, पुराणों सहित समस्त धर्मशास्त्रों में गो की महिमा का वर्णन किया गया। गाय को पशु नहीं अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है। यही सनातनधर्मी हिन्दुआंे की पवित्र भावना है, आस्था है। इसी धार्मिक आस्था हेतु संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केन्द्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्यामुक्त भारत बनाने के लिए सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन चलाया जा रहा है।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पूर्व से ही निरन्तर गौमाता की प्रतिष्ठा एवं रक्षा के प्रयास होते रहे हैं। 1966 के धर्म सम्राट् यतिचक्रचूडामणि पूज्य करपात्री जी महाराज जी के नेतृत्व में हुआ गौरक्षा आंदोलन है जिसके लिए हजारों गौभक्तों का बलिदान हुआ था। इसी क्रम में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोहत्या मुक्त भारत बनाने हेतु परम गोभक्त पूज्य गोपालमणि महाराज जी ने कई बार राज्यों की राजधानी से लेकर देश की राजधानी तक लाखों गौभक्तों के साथ गौप्रतिष्ठा आन्दोलन का नेतृत्व कर देश भर में इसे जीवन्त रखा तथा इस पवित्र अभियान में चारों पीठों के जगद्गुरु शङ्कराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त किया। चारों पीठों के पूज्य जगद्गुरु शङ्कराचार्यों द्वारा अभिषिंचित एवं समर्थित गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने एवं गौहत्या बन्दी कानून हेतु देश में गौ संसद् का आयोजन हुआ जिसमें रामा गौ प्रतिष्ठा संहिता बिल सहित 42 बिन्दु का धर्मादेश भी पारित किया जा चुका है । गौ प्रतिष्ठा के इस अभियान को प्रज्वलित करने हेतु गौ घृत की ज्योति को प्रकाशित कर ज्योर्तिमठ के परम पूज्य जगद्गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः महाराज जी इस आन्दोलन का निर्देशन कर रहे हैं जिन्होंने 14 मार्च से लेकर 28 मार्च 2024 तक नंगे पैर गोवर्धन से दिल्ली तक पदयात्रा भी की। पूज्य जगद्गुरु ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य जी के निर्देशन में आज गौ प्रतिष्ठा का अभियान निरन्तर देश भर में गतिमान है जिन्होंने इस संवत्सर को गौ संवत्सर के रूप में घोषित भी किया है।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द के निर्देशन एवं नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा 22 सितम्बर से 26 अक्टूबर तक होनी निश्चित हुई है जो भारत के समस्त 36 प्रदेशों की राजधानियों में पहुंचकर वहाँ एक गो ध्वज की स्थापना कर रही है। गो प्रतिष्ठा आन्दोलन के संयोजक परम् पूज्य गोपाल मणि जी महाराज भी पूरे समर्पण और शक्ति के साथ यात्रा की सफलता हेतु प्राण-प्रण से शङ्कराचार्य जी के साथ हर कदम में साथ चल रहे हैं। प्रत्येक राज्य की राजधानियों में विशाल गो प्रतिष्ठा सम्मेलन का दिव्य भव्य आयोजन हो रहा है जिसका श्रीगणेश गोरक्षक, गोभक्त भगवान् श्रीराम जी की राजधानी अयोध्या से हुआ जहाँ भगवान् रामलला के रूप में विद्यमान हैं; जहाँ से यह पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर होते हुए 26 अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी । इस यात्रा के माध्यम से पूज्य जगद्गुरु शङ्कराचार्य जी द्वारा समस्त भारत के प्रखर गोभक्तों को सम्मानित भी किया जा रहा है। इस अवसर पर गौभक्त धर्मप्रेमी संत महात्मा विद्वतसभा धर्म सभा राज नेता विधायक मंत्री पूर्व मन्त्रीगण के साथ भारतीय गौक्रान्ति मंच संरक्षक बलवीर सिंह पंवार, भारतीय गौक्रान्ति मंच के अध्यक्ष शूरवीर सिंह मतुड़ा मनोहर लाल जुयाल टपकेश्वर के महंत कृष्णा गिरी जी महाराज सूर्यकांत धस्माना मंत्री प्रसाद नैथानी देश राज कर्णवाल बद्रीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित समाज, यशवंत रावत जी, आनन्द सिंह रावत रविन्द्र सिंह राणा डॉ सीता जुयाल जी तेजराम नौटियाल जी जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण लोक गायिका मंजू नौटियाल सहित भारतीय गो क्रांति मंच कुलानंद नौटियाल रमेश रमोला मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण आदि अपस्थित रहे।
वो कैसा हिन्दू जो गाय को माता नहीं मानता होः शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज
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