Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeराजनीतिहरीश रावत ने किया हरक सिंह रावत पर पलटवार

हरीश रावत ने किया हरक सिंह रावत पर पलटवार

देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बीच एक बार फिर वार-पलटवार का दाैर शुरु हो गया हैं। हरक द्वारा की गई टिप्पणी पर पूर्व सीएम ने आज शुक्रवार को पलटवार करते हुए हरक की निष्ठा पर सवाल उठाए हैं।  

गुरूवार को सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में हालांकि हरीश रावत ने हरक का नाम नहीं लिखा, लेकिन उनका एक एक शब्द हरक पर ही फूट रहा है।

हरीश रावत ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष के मध्य संवाद होना चाहिए। बहुत अच्छा लगता है जब हम एक-दूसरे से मिलते हैं, बातचीत करते हैं या सुझाव देते हैं, यहां तक की प्रशंसा और आलोचना भी लोकतंत्र को शक्ति देती है। मगर यदि कोई बैठक गुपचुप हो, बड़े छिपे अंदाज में हो और कोई सूंघने में माहिर और गिद्ध दृष्टि रखने वाले पत्रकार, राष्ट्रीय पत्र उसको प्रकाशित कर दें।

उन्होंने आगे कहा कि उस बैठक को एक रहस्यमय भेंट के रूप में चित्रित करें। वह भेंट भी उस व्यक्ति के साथ हो जिसके ऊपर कांग्रेस पार्टी अधिकारिक रूप से महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या में हाथ बंटाने का आरोप लगा चुकी हो तो बात कुछ चिंता की हो जाती है। मीडिया में कोई बात आए इसीलिए उसे सत्य नहीं माना जा सकता, लेकिन ऐसा होने पर संबंधित को अपनी बात रखते हुए खंडन तो करना ही चाहिए। 

हरीश ने कहा कि इसके एक खबर और आई, जिसमें हमारे एक नेता विशेष को यह कहते हुए बताया जाता है कि वह  भाजपा छोड़ नहीं रहे थे। बल्कि उनको भाजपा ने निकाल दिया। कांग्रेस यह मानकर के चल रही है कि उन्होंने भाजपा और भाजपा की सिद्धांतों में विश्वास नहीं रहने की वजह से भाजपा छोड़ी थी।

हरीश ने आगे कहा कि उन्होंने भाजपा के लोकतंत्र विरोधी चेहरे को पहचान लिया है, इसलिए वह कांग्रेस में आए हैं। अब मालूम हुआ कि भाजपा ने निकाल दिया था और कोई विकल्प नहीं बचा तो वो कांग्रेस में आए हैं। उनका कांग्रेस में आना कोई सैद्धांतिक आधार नहीं था। रावत ने इस विषय में पार्टी नेतृत्व को भी स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया है। जिससे कार्यकर्ताओं में भ्रम न फैले।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments