नैनीताल। रामनगर और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर की बाढ़ सी आ गई है। वहीं उपचार के दौरान कई गरीब लोग इन झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से अपनी जान तक गंवा चुके हैं। प्रशासन द्वारा समय-समय पर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लेकिन जैसे ही मामला शांत होता है, फिर झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हो जाते हैं। रामनगर में स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी से झोलाछाप डॉक्टरों में खलबली मची हुई है।
रामनगर में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की। जिसके बाद झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है। कई झोलाछाप डॉक्टर अपने अवैध क्लीनिक बंद कर मौके से फरार हो गए। वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डॉक्टर प्रशांत कौशिक ने बताया कि रामनगर के मोहल्ला खताडी में एक क्लीनिक संचालित हो रहा था, जिसकी शिकायत जिलाधिकारी वंदना सिंह से की गई थी।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद एसडीएम रामनगर राहुल शाह द्वारा गठित टीम ने मौके पर जाकर देखा तो उक्त क्लीनिक संचालक कोई भी वैध प्रपत्र नहीं दिखा पाया तथा मौके पर भारी मात्रा में अंग्रेजी दवाइयां का भंडारण भी पाया गया था। डॉक्टर कौशिक ने बताया कि इस मामले में उक्त क्लीनिक को सील करने के साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने की भी कार्रवाई की गई है। उक्त क्लीनिक संचालक को अपने वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है। अगर वह अपने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाता तो उसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशांत कौशिक ने कहा कि उनकी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक पर छापेमारी से हड़कंप
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