देहरादून। राष्ट्रीय और वैश्विक अवसरों के लिए भारतीय युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स (आईआईएस) का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य फैक्ट्री ऑटोमेशन, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, मेक्ट्रोनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग सहित कई ट्रेडों में अत्याधुनिक तकनीक और व्यावहारिक प्रशिक्षण से लैस उद्योग 4.0 के लिए एक इंडस्ट्री-रेडी वर्कफोर्स तैयार करना है। यह सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग दोनों सेक्टर्स के साथ-साथ अन्य उभरते बिजनेस को भी आगे बढ़ाएगा।पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से स्थापित यह संस्थान कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार और टाटा आईआईएस (टाटा ट्रस्ट के तहत एक सेक्शन 8 कंपनी) के बीच एक सहयोग है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया किसी देश पर तभी भरोसा करती है, जब उसके युवा आत्मविश्वास से भरे होते हैं। उन्होंने कहा कि आज के भारत के युवाओं का आत्मविश्वास देश के लिए एक नए भविष्य की कहानी लिख रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वैश्विक समुदाय भारत को दुनिया भर में शिक्षा, कौशल, हेल्थकेयर और सॉफ्टवेयर विकास में व्यापक अवसरों के साथ मानव संसाधनों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में देखता है। भारत के युवाओं को इन अवसरों के लिए तैयार करने के लिए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार उनके कौशल को वैश्विक मानकों के साथ जोड़ रही है।
आईआईएस मुंबई के उद्घाटन अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने कहा कि आईआईएस जैसे संस्थान फ्यूचर-रेडी वर्कफोर्स को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के प्रधानमंत्री के विज़न को वास्तविकता में बदलते हैं। हमारे युवाओं को अत्याधुनिक विशेषज्ञता से लैस करके, यह संस्थान न केवल भारत के भीतर अवसरों के द्वार खोल रहा है, बल्कि उन्हें वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए भी तैयार कर रहा है।v
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स मुंबई का उद्घाटन किया
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