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Tuesday, March 25, 2025
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तीन साल में 285 करोड़ की धनराशि से विद्यालयों में जुटाई बुनियादी सुविधाएं

देहरादून। नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से भौतिक संसाधनों से युक्त किया जा रहा है। विगत तीन वर्षों में विभाग ने 285 करोड़ की धनराशि से विभिन्न राजकीय विद्यालयों में भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराई है। जिसमें जर्जर हो चुके विद्यालयों में नये भवन, शौचालय व प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया, साथ ही छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिये कम्प्युटर व फर्नीचर भी उपलब्ध कराये गये।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार विद्यालयी शिक्षा के बुनियादी ढ़ांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में शिक्षा विभाग ने विगत तीन वर्षों में विभिन्न राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को भौतिक संसाधन उपलब्ध करा कर उन्हें सुविधा सम्पन्न बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार विद्यालयों की आवश्यकता के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से भौतिक सुविधाएं उपलब्ध करा रही है ताकि राज्य में शिक्षा का स्तर और बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि विगत तीन वर्षों में विभाग ने 25343 लाख की धनराशि से 459 माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न निर्माण कार्य करवाये, जिसमें नये विद्यालय भवन, कक्षा-कक्ष और प्रयोगशालाएं शामिल हैं। इसी अवधि में 212 विद्यालयों में पृथक से शौचालयों का भी निर्माण किया गया जिस पर 843 लाख का बजट खर्च किया गया। इसी प्रकार 1445 लाख की धनराशि से 2297 माध्यमिक विद्यालयों में 72245 फर्नीचर सेट उपलब्ध कराये गये। विभागीय मंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य शत-प्रतिशत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर सेट उपलब्ध कराना है ताकि किसी भी छात्र को जमीन पर बैठकर पढ़ना न पड़े। उन्होंने कहा कि छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिये प्रत्येक विद्यालय को कम्प्यूटर उपलब्ध कराये गये हैं। विगत तीन वित्तीय वर्षों में सरकार ने 1562 माध्यमिक विद्यालयों में 2057 कम्प्यूटर सेट उपलब्ध कराये, जिस पर 924 लाख की धनराशि व्यय की गई। डॉ. रावत ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। फर्नीचर और कम्प्यूटर की उपलब्धता से विद्यालयों में सुविधाजनक वातावरण तैयार होगा, जिसका लाभ वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं आसानी से उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से भौतिक संसाधन जुटाये जायेंगे।

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