Latest news
सीएम ने हाथीबड़कला में सुना पीएम मोदी के मन की बात का 116वां संस्करण एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी विजेता महिला हॉकी टीम की सदस्य मनीषा चौहान ने सीएम से की भेंट सीएम ने हिन्दी फिल्म ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ का अवलोकन किया सीएम ने 43वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले उत्तराखण्ड दिवस समारोह में प्रतिभाग किया उत्तराखंड के नए डीजीपी हो सकते हैं आईपीएस दीपम सेठ विधानसभा अध्यक्ष ने यमकेश्वर में नवनिर्मित पंचायत भवन का लोकार्पण किया स्पीकर ने जन संवाद के दौरान क्षेत्रवासियों की समस्याएं सुनीं मंत्री जोशी ने 35 लाख की लागत से निर्मित सामुदायिक भवन लोकार्पण किया केदारनाथ विधानसभा उप निर्वाचन की मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से हुई संपन्न जनता के लिए खुलेगा देहरादून राजपुर रोड स्थित ‘राष्ट्रपति आशियाना’

[t4b-ticker]

Monday, November 25, 2024
Homeउत्तराखण्डऔली में भारत-कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद 2024 शुरू

औली में भारत-कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद 2024 शुरू

देहरादून। हर साल की तरह इस बार भी भारतीय सेना अपने मित्र देशों की सेना के साथ ज्वाइंट सैन्य अभ्यास कर रही है। 30 सितंबर से उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के औली में भारतीय सेना और कजाकिस्तानी सेना के जवानों का संयुक्त युद्ध अभ्यास शुरू हो गया है। इस संयुक्त युद्ध अभ्यास का समापन 13 अक्टूबर को होगा।
भारतीय सेवा के जनसंपर्क कार्यालय के मुताबिक, यह भारत और कजाकिस्तान के बीच में आठवां ज्वाइंट सैन्य अभ्यास है, जिसे काजिंद 2024 नाम दिया गया है। इस अभ्यास के लिए बीती 28 सितंबर को कजाकिस्तान आर्मी का एक डेलिगेशन दिल्ली में लैंड हुआ था, जो कि कल यानी 29 सितंबर को ज्योतिर्मठ पहुंचा। आज यानी 30 सितंबर से ज्वाइंट सैन्य अभ्यास शुरू हो गया है। ये युद्धाभ्यास आगामी 13 अक्टूबर तक चलेगा।
भारतीय सेना के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार, भारतीय सेना हर साल अपने मित्र देशों की सैन्य क्षमता के साथ खुद को अलाइन करते हुए ज्वाइंट सैन्य अभ्यास करती हैं। कर्नल मनीष श्रीवास्तव बताते हैं कि इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की आर्मी को एक दूसरे के साथ काम करने का मौका मिलता है। इस दौरान कई सारी चीज एक दूसरे से सीखने को मिलती हैं।
उन्होंने बताया कि जहां एक तरफ हमें दूसरे देश की आर्मी से काफी कुछ सीखने को मिलता है, तो वहीं दूसरे देश के आर्मी भी हमारे ऑपरेशन के तौर तरीके से काफी सीखती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यास से जहां एक तरफ दोनों देशों के मैत्री संबंध और मजबूत होते हैं तो संयुक्त सैन्य अभ्यास विश्व में शांति और अमन का संदेश देने में भी कामयाब रहते हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments