Latest news
मुख्यमंत्री धामी ने 20 महानुभावों को सौंपे दायित्व कुट्टू आटे खाने से लोग हो रहे बीमार, सतर्क रहें मुख्यमंत्री ने किया क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारम्भ जिले में प्रथम बार अब डीएम आफिस में ही आमजन को निःशुल्क विधिक सलाह, निःशुल्क सरकारी वकील मुहैया केरल निवासी व्यक्ति को डीएम ने पहंुचाया घर, कराई टिकट व्यवस्था सहकारिता विभाग को मिले आधा दर्जन सहायक निबंधक वन टाइम एमनेस्टी के तहत 160.80 मेगावाट के 8 प्रॉजेक्ट को दी मंजूरी दी वनों के संरक्षण व वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि के लिए हों प्रभावी प्रयासः धामी शिक्षा के मन्दिर यदि बने वाणिज्य केन्द्र, प्रशासन कर देगा लाईसेंस रद्द पीएम मोदी ने राज्य सरकार को तीन वर्ष के सफल कार्यकाल पर दी बधाई

[t4b-ticker]

Wednesday, April 2, 2025
Homeउत्तराखण्डकोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे

कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे

देहरादून। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन के चतुर्थ सत्र में कृषि व ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान एक नारा खूब लगता था-कोदा, झिंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे। अब बदली हुई स्थिति में नारा बदल गया है। नया नारा है-कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे। चतुर्थ सत्र में अपने संबोधन में जोशी ने कहा कि जहां तक जैविक खेती का सवाल है, आज करीब 40 फीसदी तक हमारी खेती जैविक है। इस साल हम इसे 50 फीसदी तक ले जाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। पिछले चार वर्षों से हमें जैविक खेती में प्रथम पुरस्कार मिल रहा है। प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होेंने मिलेट्स को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स के लिए उत्तराखंड में बेहद उपयोगी स्थिति मौजूद है। उन्होंने कहा कि हम कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। 2027 तक हम अपना उत्पादन दुगना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों, उपलब्धियों के बारे में भी विस्तार से बात की।
सचिव दीपेद्र कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य में छह एरोमा वैली प्लांट डेवलप किए जा रहे हैं। एरोमा पार्क काशीपुर में 40 एकड़ भूमि पर इत्र से संबंधित प्रोसेस यूनिट को एक जगह पर लाने का निर्णय महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एरोमा वैली पालिसी प्रारूप तैयार है, जिसे दो-तीन महीने में अनुमोदन प्राप्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लेकर कार्य किया जाएगा।
काश्तकारों ने बताई सफलता की कहानीः काश्तकार बलबीर सिंह कांबोज ने बताया कि वह 18 एकड़ भूमि पर फूलों की खेती करते हैं। यहां की जलवायु अच्छी है। इस व्यवसाय के लिए सारी स्थितियां अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के फूलों को सीमित करना चाहिए। प्राइवेट कंपनी चला रहे चंद्रमणि कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी ने 18 राज्यों में 40 हाइड्रोपोनिक फार्म बनाए हैं। युगांडा में भी काम कर रहे है। मधुमक्खी पालन व्यवसाय कर रहे अतर सिंह कैंत्यूरा ने कहा कि हमारे जंगल मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त हैं। उत्तराखंड में बहुत पहले से इस संबंध में काम किया जा रहा है। जौजीकोट में देश का पहला मधुमक्खी बॉक्स बना था।
नैनीताल की आरोही संस्था के पंकज तिवारी ने कहा कि विकास में संतुलन जरूरी है। उन्होंने मशरूम उत्पादन, शहद उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिश्रित खेती उत्तराखंड के लिए अच्छी है, क्योंकि पहाड़ काफी असिंचित खेती है। मृदा का स्वास्थ्य वैसा ही रखना है, जैसे हम अपने स्वास्थ्य को रखते हैं। एक प्राइवेट कंपनी संचालित कर रहे मनमोहन भारद्वाज ने कहा कि कलस्टर में काम किया जाना ज्यादा लाभदायी है। उन्होंने बताया कि उनके स्तर पर 200 बीघा जमीन पर काम किया गया है। चतुर्थ सत्र में मेहमानों का स्वागत ग्राम्य विकास आयुक्त अनुराधा पॉल ने किया। सत्र का संचालन आर्गनिक बोर्ड के एमडी विनय कुमार ने किया। इस मौके पर प्रवासी उत्तराखंडियों और मेहमानों का सम्मान भी किया गया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments