देहरादून: करीब सवा पांच सौ करोड़ के घाटे में चल रहे व कोरोना काल के बाद से आर्थिक तंगी झेल रहे रोडवेज को पेटीएम सर्वर की तकनीकी खराबी ने बड़ी चपत लगा दी। बसों में टोल के भुगतान के लिए लगाए गए फास्टैग का खाता पेटीएम से अटैच है और इसका सर्वर बुधवार सुबह ठप हो गया।
जिस कारण हर टोल पर बसों को दोगुना टोल चुकाना पड़ा। वहीं, रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि तकनीकी खराबी करीब चार घंटे सुबह साढ़े छह से साढ़े दस बजे तक रही। रकम वापस लेने को रोडवेज मुख्यालय ने पेटीएम कंपनी को पत्र भेजा है।
टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य होने के बाद रोडवेज मुख्यालय ने अपनी सभी बसों पर फास्टैग लगवा दिए थे। यह पीटीएम के जरिये लिए गए और फास्टैग का खाता भी अलग कर दिया गया। एक अधिकारी सिर्फ इस खाते की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया है। उसकी जिम्मेदारी रहती है कि यह खाता कभी खाली न हो, क्योंकि इस सूरत में बसों को दोगुना टोल देना पड़ता है। इस दौरान बुधवार की सुबह जो बसें मार्गो पर निकली, उनके फास्टैग ने टोल प्लाजा पर काम नहीं किया।
परिचालकों को टोल की दोगुनी राशि चुकानी पड़ी। जब परिचालकों ने इस बारे में रोडवेज मुख्यालय को सूचना दी तो अधिकारियों ने फास्टैग और पेटीएम कंपनी से संपर्क किया। वहां से पता चला कि पेटीएम का सर्वर सभी जगह ठप पड़ा है। इस कारण से दून-दिल्ली राजमार्ग और दून-हल्द्वानी मार्ग समेत हरिद्वार-रुड़की व दून-हरिद्वार मार्ग पर जो भी टोल बैरियर हैं, वहां बसों ने दोगुना टोल अदा किया।
दून से दिल्ली मार्ग पर दौराला मेरठ टोल प्लाजा पर बस का टोल 310 रुपये है पर रोडवेज की बसों से 620 रुपये लगा। दून-हल्द्वानी मार्ग पर रामपुर में टोल प्लाजा पर 405 रुपये शुल्क है लेकिन वहां बसों को 810 रुपये टोल देना पड़ा। दून-हरिद्वार मार्ग पर लच्छीवाला टोल और हरिद्वार-रुड़की मार्ग पर बहादराबाद टोल प्लाजा पर भी दोगुना टोल लगा। इस वजह से रोडवेज को चार घंटे में बड़ी चपत लग गई।