Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ... सीएम ने हाथीबड़कला में सुना पीएम मोदी के मन की बात का 116वां संस्करण एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी विजेता महिला हॉकी टीम की सदस्य मनीषा चौहान ने सीएम से की भेंट सीएम ने हिन्दी फिल्म ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ का अवलोकन किया सीएम ने 43वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले उत्तराखण्ड दिवस समारोह में प्रतिभाग किया उत्तराखंड के नए डीजीपी हो सकते हैं आईपीएस दीपम सेठ विधानसभा अध्यक्ष ने यमकेश्वर में नवनिर्मित पंचायत भवन का लोकार्पण किया

[t4b-ticker]

Monday, November 25, 2024
Homeउत्तराखण्ड20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, यात्रियों की संख्या रहेगी...

20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, यात्रियों की संख्या रहेगी सीमित

चमोली: हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए भी तैयारियां जोरों पर है। हेमकुंड साहिब के कपाट 20 मई को खोले जाने हैं। यहां दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को लगभग 60 मीटर का आस्था पथ बर्फ के बीच से तय करना होगा। हेमकुंड साहिब मार्ग पर इस समय 6 फीट तक पर जमी हुई है।

गोविंदघाट और घांघरिया गुरुद्वारे में रंगरोगन का काम पूरा कर दिया गया है तो वहीं अटलाकुड़ी से हेमकुंड साहिब तक सेना के 40 जवान, 40 सेवादार और 34 मजदूर आस्था पथ से बर्फ हटाने में जुटे हुए हैं। हेमकुंड साहिब के ग्लेशियर प्वाइंट पर अभी भी करीब 6 फीट तक बर्फ जमी हुई है। जिसको देखते हुए यहां लगभग 60 मीटर तक बर्फ के बीच से आने जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं।

हेमकुंड साहिब में गुरुद्वारे के मुख्य द्वार के पास भी लगभग 4 फीट बर्फ जमी हुई है। आस्था पथ पर भारी बर्फ जमी होने के कारण बर्फ पिघलने तक घोड़े-खच्चरों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। गुरुद्वारा प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि गोविंदघाट से दोपहर 2 बजे के बाद किसी भी तीर्थयात्री को घांघरिया नहीं भेजा जाएगा। जबकि घांघरिया से सुबह 10 बजे के बाद तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब नहीं भेजे जाएंगे।

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत बिंद्रा ने कहा कि सांस संबंधित बीमारी वाले तीर्थयात्री और बच्चों को यात्रा पर न लाएं। जून महीने में बर्फ पिघल जाने के बाद ही इन लोगों को यात्रा पर आने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक आस्था पथ से बर्फ पिघल कर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक तीर्थयात्रियों की संख्या भी सीमित ही रखी जाएगी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments