देहरादून : उत्तराखंड क्रांति दल ने पर्वतीय पर्व इगास-बग्वाल और घुघुतिया में राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा हैl यूकेडी का मानना है कि उत्तराखंड के पर्वतीय पर्व यहाँ संस्कृति की पहचान है I यह त्यौहार वीरता,शोर्य ,और प्रकृति से प्रेम से सम्बंधित है I इसीलिए उत्तराखंड की संस्कृति के प्रचार के लिए इन पर्वो पर सार्वजानिक अवकाश घोषित करना चाहिए और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए I
यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड में अपनी संस्कृति और विरासत को समेटे हुए दो प्रमुख त्योहार इगास बग्वाल और घुघुतिया बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं l यह त्यौहार देवभूमि की पहचान है।
इगास का त्यौहार उत्तराखंडियों की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ-साथ समृद्ध लोक संस्कृति का बड़ा प्रतीक है। वीर माधो सिंह भंडारी जब लड़ाई जीत कर घर लौटे तो उनके इंतजार में बैचेन पूरे इलाके ने जमकर खुशियां मनाई। यह त्यौहार वीरता, शौर्य एवं अपनी प्रदेश के लिए त्याग का त्योहार हैl वहीं मकर सक्रांति पर मनाए जाने वाला घुघुतिया त्यौहार मुख्य रूप से प्रकृति से प्रेम का त्योहार है। इस दिन हम पक्षियों के प्रति अपने प्रेम का इजहार करते हैं और उनके लिए भी पकवान बनाते हैं, उनको भी पकवान खाने के लिए आमंत्रित करते हैं l
ऐसी लोकप्रिय संस्कृति उत्तराखंड के अलावा कहीं और नहीं पाई जाती। किंतु हम इसका प्रचार एवं संरक्षण करने में असफल हो रहे हैं। इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। लिहाजा यूकेडी सरकार से मांग करता है कि वह दोनों त्योहारों पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर इसके प्रचार एवं प्रसार के लिए कार्यक्रम आयोजित करे।
ज्ञापन में लताफत हुसैन, केंद्रीय महामंत्री बहादुर सिंह रावत, सुनील ध्यानी, केंद्रीय प्रवक्ता विजय बौडाई, केंद्रीय अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ राजेंद्र बिष्ट, केंद्रीय केंद्रीय सचिव अशोक नेगी, जिला अध्यक्ष देहरादून दीपक रावत, किरण रावत, मीनाक्षी सिंह, प्रीति थपलियाल, नरेश नौटियाल, जितेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।