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Sunday, November 10, 2024
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प्राथमिक विद्यालयों में विगत वर्ष से लंबित पड़े 2600 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ, उच्च न्यायालय ने दिये सरकार को फैसला लेने के आदेश

देहरादून: उत्तराखंड के प्राथ्मिक विद्यालयों में विगत वर्षं से लंबित पड़े 2600 पदों पर कोर्ट का फैसला आने के बाद नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने अब इन पदों पर नियुक्ति देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ शनिवार को आनलाइन बैठक की। जिसके तहत उन्होंने निर्देश दिये कि नियुक्ति की प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाय। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सबसे पहले बैकलाग के 361 पदों पर पांच दिन में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए आदेश दिये हैं।

प्राथमिक विद्यसालयों में पिछले साल से लंबित पड़े 2600 पदों पर नियुक्ति का रास्ता हाई कोर्ट के उस अदेश के बाद साफ हो गया है जिसमें कहा गया है कि इसपर सरकार स्वयं निर्णय ले सकती है। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने इस मामले पर हरी झंडी दे दी है।

नियुक्तियों को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक आर.के उनियाल ने जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति की प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने सबसे पहले बैकलाग के 361 पद पर पांच दिन में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए भी कहा है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने जिलों से पूर्व में भर्ती प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूरी करने में की गई देरी पर नाराजगी जताई। कहा कि हाई कोर्ट से भर्ती पर रोक लगने से पहले जिले अगर विभाग के पोर्टल पर अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट अपलोड कर देते तो अब भर्ती पूरी करने में आसानी होती। उन्होंने सबसे पहले वर्ष 2018.19 में 361 पदों के लिए आए आवेदनों की मेरिट अपलोड कर संबंधित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए हैं।

इसके बाद पिछले साल आए आवेदनों की मेरिट लिस्ट अपलोड की जाएगी। वहीं नए पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में समय की बचत के लिए एक केंद्र पर अभ्यर्थियों को बुलाकर काउंसिलिंग करने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, प्राथमिक स्कूलों में भर्ती जिला शिक्षा अधिकारी के अधीन होती है। ऐसे में विभाग इसमें शासन से सुझाव मांगने पर विचार कर रहा है।

बता दें कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त 2600 पदों पर गत वर्ष भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन ऐन मौके पर डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने एनआइओएस से डीएलएड करने वालों को भर्ती में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए हाई कोर्ट में याचिका डाल दी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने सरकार को फैसला लेने का निर्देश दिया। सरकार ने एनआइओएस से डीएलएड करने वालों को भर्ती से बाहर कर दिया।

इस पर एनआइओएस से डीएलएड करने वाले सरकार के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट चले गए। अब इस याचिका पर भी हाई कोर्ट ने फिर से मामले में अंतिम फैसला करने का अधिकार सरकार को दिया। जिसके बाद सरकार ने अपने पूर्व आदेश को कायम रखते हुए एनआइओएस से डीएलएड करने वालों को भर्ती से बाहर रखने का फैसला लिया। इसके बाद शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने महकमे के अधिकारियों को दस दिन में यह भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया।

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