Latest news
मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर से खुल गयी उत्तराखण्ड की बंद सड़कें उत्तराखण्ड से जल्द खुलेगा कैलाश यात्रा का रास्ता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण गढ़ी कैंट में प्रदेश के सबसे बड़े सामुदायिक भवन का 15 जनवरी को किया जाएगा लोकार्पण ऊर्जा निगम मुख्यालय पर रीजनल पार्टी ने किया प्रदर्शन सभी पुराणों ने गौ को माता का सम्मान दियाः ग़ोपाल मणि महाराज स्पीकर ने विकास कार्यों को समय पर पूरा करने के दिए निर्देश खड़गे ने पत्र गलत पते पर भेजा, राहुल को समझाते तो पत्र लिखने की नौबत नहीं आतीः महेंद्र भट्ट मंत्री गणेश जोशी ने सैनिक मनीष थापा को श्रद्धांजलि अर्पित की उत्तराखंड के चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्डएनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान

एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान

नई टिहरी। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने 1.38 लाख किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और अन्य महिलाओं की जांच की है। इनमें से गंभीर एनीमिया पीड़ित 500 में से 319 उपचार के बाद मध्यम स्थिति में आ गए हैं। विभाग को तीन साल में जिले को एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य दिया गया है। एनीमिया मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए 10 मई 2024 से शुरू किए गए अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने 16 अगस्त तक 1 लाख 38 हजार 129 किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, अन्य महिलाओं और बच्चों के हीमोग्लोबिन की डिजिटल स्क्रीनिंग कर जांच कर उनका उपचार किया गया है।
सीएमओ डाॅ. श्याम विजय ने बताया कि डीएम मयूर दीक्षित ने विभाग को तीन के अंदर लक्ष्य हासिल करने को कहा है। लक्ष्य हासिल करने के लिए 10 मई से स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव और स्कूलों में जाकर टी-4 (टेस्ट, ट्रीट, टॉक और ट्रेक) अभियान चला रही है। उन्होंने बताया कि कुल 1.38 लाख जांच में से 38 हजार 673 हल्का एनीमिया, 27 हजार 238 मध्यम और 500 गंभीर एनीमिया से पीड़ित पाए गए। उपचार के बाद इन गंभीर पीड़ितों में से 319 पीड़ित मध्यम स्थिति में आ गए हैं। डाॅक्टर लगातार उनके संपर्क में हैं। उन्हें पोषण, आहार और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने के साथ आयरन, फॉलिक एसिड (आईएफए) टैबलेट दिए जा रहे हैं। सीएमओ ने बताया कि गंभीर एनीमिया के पीड़ितों का 15 दिन में और अन्य का एक-दो माह में परीक्षण किया जा रहा है। प्रभारी सीएचओ कुलभूषण त्यागी ने बताया कि अभियान के तहत 10 मई को गरवाण गांव में उपकेंद्र के तहत खुरमोला गांव की दो गर्भवती महिलाओं की जांच में 7.2 और 7.6 ग्राम हीमोग्लोबिन पाया गया, जो काफी कम था। टीम ने प्रत्येक सप्ताह पीड़ितों के घर जाकर उनकी काउंसलिंग कर उपचार किया। चैथी बार पांच जून को उनकी जांच की गई, तो उनमें 10.6 और 10.2 ग्राम हीमोग्लोबिन पाया गया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments